सिंचाई विभाग के एसडीओ मुकेश गोयल ने बताया कि पिछले साल ही हरिके हैड के गेटों की मरम्मत की गई है। पहले इन गेटों से हजारों क्यूसिक पानी लीकेज होकर पाकिस्तान की तरफ बह जाता था। अब हुसैनीवाला हैड को उतना ही पानी छोड़ा जा रहा है कि मछलियां व पानी के जीव-जंतु जीवित रह सके। हुसैनीवाला हैड के गेटों की हालत भी खस्ता है। हरिके हैड से पानी हुसैनीवाला हैड में छोड़ा जाता है तो गेटों की माध्यम से सारा पानी पाकिस्तान की तरफ बह जाएगा।
इसीलिए हरिके हैड पर ही सारा पानी रोक लिया गया है। हुसैनीवाला हैड के गेटों की मरम्मत के लिए प्रपोजल भेजा गया है। इन गेटों की भी मरम्मत की जाएगी ताकि हरिके हैड से पानी छोड़ने पर लीकेज होकर पाकिस्तान की तरफ न जाए। एसडीओ गोयल ने बताया कि हरिके हैड से दो नहरें निकलती हैं, जो राजस्थान व फिरोजपुर फीडर नहर है, उनमें उतना ही पानी छोड़ा जा रहा है, जितनी जरूरत है।
कई सीमांत गांव निर्भर है दरिया के पानी पर
हुसैनीवाला बार्डर की तरफ कुछेक ऐसे गांव है, जहां पानी की सप्लाई नहीं है और सतलुज के पानी पर निर्भर थे। गांव कालू वाला दरिया के बीचोंबीच है, गांव टंडी वाला व कालू वाला के ग्रामीण सतलुज दरिया के पानी से कपड़े धोते थे। यही नहीं कुछेक किसान दरिया के किनारे खेती कर रहे हैं और वह दरिया के पानी पर ही निर्भर हैं। इन किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा हरिके हैड से लेकर हुसैनीवाला हैड और फाजिल्का तक, जितने भी गांव दरिया के किनारे पर पड़ते हैं, उन्हें पानी की काफी समस्या हो सकती है। हुसैनीवाला हैड से निकलने वाली दोनों नहरें सूखी पड़ी हैं। इस बार किसानों को धान की फसल के लिए ट्यूबवेल के पानी पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा।
कई जगहों से सतलुज पाक में प्रवेश कर भारत में घुसता
हरिके हैड से लेकर हुसैनीवाला हैड और फाजिल्का तक बहने वाला सतलुज दरिया कई बार पाक में प्रवेश कर भारत में घुसता है। पट्टी, मुठियांवाला, मस्तेके (सीमांत गांव कालू वाला), हुसैनीवाला, ममदोट व फाजिल्का की तरफ से सतलुज दरिया पाक में प्रवेश कर भारत में घुसता है। हरिके हैड पर पानी रोक लेने से पाक को भी ब्यास और सतलुज का पानी नहीं मिलेगा।
Source : Amarujala.com
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